राहुल के नए पासपोर्ट मामले में आज कोर्ट में सुनवाई: कांग्रेस नेता NOC मांग रहे;भाजपा बोली- वे विदेश गए तो नेशनल हेराल्ड की जांच प्रभावित होगी

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नई दिल्ली3 मिनट पहले

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राहुल गांधी को नया पासपोर्ट देने से जुड़ी याचिका पर आज कोर्ट में दूसरे दिन की सुनवाई होगी। इससे पहले 24 मई को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई थी।​​​​ सुनवाई के दौरान भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने राहुल गांधी को नया पासपोर्ट देने के लिए NOC की मांग का विरोध किया। उन्होंने कोर्ट में कहा कि अगर राहुल को विदेश जाने की इजाजत दी गई तो नेशनल हेराल्ड केस की जांच प्रभावित हो सकती है।

राहुल के वकील बोले- ट्रैवल करना उनका मौलिक अधिकार
कोर्ट में राहुल गांधी के वकील ने कहा कि मेरे मुवक्किल के खिलाफ कोई आपराधिक कार्यवाही पेंडिंग नहीं है और ट्रैवल करना उनका मौलिक अधिकार है। नेशनल हेराल्ड केस में कोर्ट ने राहुल को 2015 में जमानत दे दी थी। तब कोर्ट ने उनके ट्रैवल पर कोई पाबंदी नहीं लगाई थी।

कोर्ट ने कहा कि यह मामला 2018 से पेंडिंग है। इस दौरान राहुल गांधी कई बार विदेश गए हैं। उनके भागने की कोई आशंका नहीं है। ट्रैवल करना उनका मौलिक अधिकार है।

भाजपा नेता ने राहुल और सोनिया के खिलाफ केस किया था
स्वामी ने इस मामले में राहुल और सोनिया गांधी के खिलाफ केस किया था। इस पर एडिशनल चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने स्वामी को राहुल की अपील पर जवाब दाखिल करने को कहा था।

राहुल गांधी 28 मई को अमेरिका जाना चाहते हैं। इससे पहले वे 28 फरवरी को ब्रिटेन गए थे, जहां उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में स्पीच दी थी।

राहुल गांधी 28 मई को अमेरिका जाना चाहते हैं। इससे पहले वे 28 फरवरी को ब्रिटेन गए थे, जहां उन्होंने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी में स्पीच दी थी।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल ने 23 मई को याचिका दायर कर कोर्ट से नए पासपोर्ट के लिए नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) देने की मांग की थी। बता दें कि राहुल गांधी ने सांसदी जाने के बाद अपना डिप्लोमैटिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उन्होंने साधारण पासपोर्ट के लिए NOC जारी करने की गुहार लगाई है।

28 मई को अमेरिका जाना चाहते हैं राहुल
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी 28 मई को अमेरिका जाना चाहते हैं। जहां वे स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक इवेंट में शामिल होंगे। वहां 29-30 मई को राहुल प्रवासी भारतीयों से मिलेंगे।

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता क्यों गई
13 अप्रैल 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में एक रैली के दौरान राहुल गांधी ने कहा था, ‘चोरों का सरनेम मोदी है। सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है, चाहे वह ललित मोदी हो या नीरव मोदी हो चाहे नरेंद्र मोदी।’

इसके बाद सूरत पश्चिम के बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। उनका कहना था कि राहुल गांधी ने हमारे पूरे समाज को चोर कहा है और यह हमारे समाज की मानहानि है। इस केस में सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च 12.30 बजे राहुल गांधी को 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि, 27 मिनट बाद उन्हें जमानत मिल गई थी।

ये लेटर लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किया गया था, जिसमें राहुल गांधी की सांसदी रद्द करने की जानकारी दी गई थी।

ये लेटर लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी किया गया था, जिसमें राहुल गांधी की सांसदी रद्द करने की जानकारी दी गई थी।

24 मार्च दोपहर करीब 2.30 बजे राहुल की संसद की सदस्यता रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया।

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा। इसी नियम के तहत राहुल की संसद सदस्यता रद्द हुई है।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है। राहुल ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इस मामले में कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। पढ़ें पूरी खबर…

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